संज्ञा (Sangya) हिंदी व्याकरण और भाषा का अति महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि व्याकरण के लगभग प्रत्येक भाग में इसका प्रयोग होता है। संज्ञा विकारी शब्द को कहा जाता है, आज के इस लेख में हम संज्ञा किसे कहते हैं (Sangya kise kahate hain), संज्ञा के भेद (Sangya ke bhed) और संज्ञा के उदाहरण (Sangya ke Udaharan) टॉपिक पर चर्चा करेंगे और संज्ञा को गहराई से समझने का प्रयास करेंगे। इसलिए यह लेख Class 1,2,3,4,5,10 के विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण होने वाला हैं।
तो चलिए जानते हैं संज्ञा की परिभाषा अर्थात् "संज्ञा किसे कहते हैं"।
संज्ञा किसे कहते हैं - Sangya Kise Kahate Hain
- निलेश कल स्कूल जाएगा।
- सोनी अपने जन्मदिन पर खुश थी।
संज्ञा की परिभाषा (Sangya ki Paribhasha)
संज्ञा किसे कहते हैं? |
संज्ञा शब्द या संज्ञात्मक शब्द (Sangya Shabd)
संज्ञा के उदाहरण (Sangya ke Udaharan)
- फल - फल अच्छा है।
- पुस्तक - मैं पुस्तक पढ़ रहा हूँ।
- गाड़ी - वह गाड़ी चला रहा है।
- बच्चा, खुश - बच्चा खुश है।
- महिला - महिला सुंदर है।
- पुरुष - पुरुष काम पर हैं।
- स्कूल - स्कूल बहुत बड़ा है।
- दुकान - दुकान पर बिक्री हो रही है।
- गर्मी - आज बहुत गर्मी है।
- शिक्षा - शिक्षा महत्वपूर्ण है।
वाक्य में संज्ञा शब्द को कैसे पहचाने?
- संज्ञा शब्द के बाद परसर्ग (ने, को, से, के लिए, में, पर आदि) आ सकते हैं। जैसे - राम ने, गीता के लिए, सड़क पर, चाक़ू से, अयोध्या में आदि।
- वाक्य में संज्ञा शब्द के पहले विशेषण का प्रयोग हो सकता है। जैसे - अच्छा लड़का, प्यारी बच्ची, मेरा भाई आदि।
संज्ञा के कार्य (Sangya ke Kary)
- मोहन खेल रहा है। (कर्ता के रूप में)
- वह पानी पी रही है। (कर्म के रूप में)
- सोहन विद्यार्थी है। (पूरक के रूप में)
- गीता ने चाकू से सेब काटी। (करण के रूप में)
संज्ञा के भेद (Sangya ke Bhed)
अर्थ के अनुसार संज्ञा के मुख्यतः पांच भेद माने जाते है:
- व्यक्तिवाचक संज्ञा (Vyaktivachak Sangya)
- जातिवाचक संज्ञा (Jaati vachak Sanya)
- भाववाचक संज्ञा (Bhav vachak Sangya)
- समूहवाचक संज्ञा (Samuhvachak Sangya)
- द्रव्यवाचक संज्ञा (Dravyavachak Sangya)
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा - Vyaktivachak Sangya
जिस संज्ञा शब्द से किसी खास एक व्यक्ति, वस्तु, जानवर , दिन, महीना या स्थान का बोध हो, उसे व्यक्तिवचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे, 'कृष्ण' किसी खास व्यक्ति का नाम है, यह प्रत्येक का नाम नहीं हो सकता है। वैसे ही 'अयोध्या' किसी विशेष स्थान का नाम है, यह पूरी दुनिया का नाम नहीं है।
व्यक्तिवाचक संज्ञा हमेशा एक वचन में ही होता हैं। ये बहुवचन नहीं हो सकते हैं।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण (Vyaktivachak Sangya ke Udaharan)
- दामोदर
- कैलाश
- यमुना
- सोमवार
- जन्मदिन
- जनवरी
- दीपावली
- वैशाख
- मीनाक्षी
- आरव
2. जातिवाचक संज्ञा - Jaativachak Sangya
वैसे संज्ञा शब्द जो किसी वर्ग के प्रत्येक प्राणियों, वस्तुओं या स्थानों का बोध करता हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - आदमी, औरत, लड़का, खरगोश, हाथी, दिन, महिना आदि।
जातिवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण (Jaativachak Sangya ke Udaharan)
- आदमी
- लड़की
- बच्चा
- गाय
- शहर
- नदी
- पहाड़
- पुस्तक
- विद्यार्थी
- शिक्षक
3. भाववाचक संज्ञा - Bhav vachak Sangya
जिस संज्ञा शब्द से किसी विचार, भाव, गुण, धर्म, दशा, अवस्था, व्यापार आदि का बोध हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे: सत्य, दया, ठंडी, बचपन, क्रोध, प्रसन्नता, प्रेम, आश्चर्य, लालच, जवानी आदि।
भाववाचक संज्ञा हमेशा एकवचन में प्रयुक्त होता है, इनका बहुवचन जातिवाचक संज्ञा बन जाता है। जैसे - दूरी – दूरियाँ, चोरी – चोरियाँ, बचपन - बचपनों आदि। भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण, जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया या अव्यय शब्दों के साथ प्रत्यय जोड़कर किया जा सकता हैं।
भाववाचक संज्ञा के 10 उदाहरण (bhav vachak sangya ke Udaharan)
- सत्य
- प्रेम
- दया
- क्रोध
- दुःख
- सुन्दरता
- बचपन
- लड़कपन
- सर्दी
- अच्छाई
4. समूहवाचक संज्ञा - Samuhvachak Sangya
वैसे संज्ञा शब्द जो किसी समूह या भीड़ या समुदाय की स्थिति का बोध करता है उसे समूहवाचक संज्ञा या समुदाय वाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - परिवार, सभा, कक्षा, संसद, दल, सेना, मेला, पुलिस आदि। यहाँ सभी शब्द एक समूह या समुदाय का बोध करते हैं। अतः ये सब समूहवाचक संज्ञाएं हैं।
समूहवाचक संज्ञा के 10 उदाहरण (Samuhvachak Sangya ke Udaharan)
- सभा
- मेला
- स्कूल
- भीड़
- वर्ग
- संसद
- गठ्ठर
- सम्मलेन
- ढेर
- बाजार
5. द्रव्यवाचक संज्ञा - DravyaVachak Sangya
किसी द्रव्य, पदार्थ, धातु तथा अधातु का बोध करने वाले शब्दों को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। और इन वस्तुओं को नापा या तौला भी जा सकता हैं।
द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण (DravyaVachak Sangya ke udaharan)
- ठोस अवस्था – मिट्टी, कोयला, सोना, चाँदी, लोहा, आदि।
- द्रव अवस्था – शहद, पानी, दूध, तेल आदि।
- गैस अवस्था – ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन आदि।
गणनीय संज्ञा और अगणनीय संज्ञा
गणनीय संज्ञा (Gananiy Sangya)
वैसे संज्ञाएँ जिनका बहुवचन रूप बन सकते हैं उन्हें हम गिन और उनके पहले संख्यवाचक शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं। जैसे एक लड़का, दो लड़के, अनेक लड़के, दस पुस्तकें, दो कलमें आदि। ऐसे संज्ञा शब्दों को गणनीय संज्ञा कहते हैं।
गणनीय संज्ञा के 10 उदाहरण (Ganniy Sangya ke udaharan)
- विद्यार्थी
- कलम
- पुस्तक
- विद्यालय
- खिलाडी
- गुण
- कार्य
- लड़का
- गाय
- फल
अगणनीय संज्ञा (Agananiy Sangya)
वे संज्ञाएं हैं, जिन्हें अलग अलग इकाई में गिना नहीं जा सकता हैं, अगणनीय संज्ञा कहलाते हैं। और उन्हें संख्यावाचक शब्दों के साथ प्रयोग नहीं कर सकते हैं। जैसे - हवा, पानी, ज्ञान, सूक्ष्मजीव, तेल, आटा आदि अगणनीय संज्ञा के उदाहरण हैं।
अगणनीय संज्ञा के 10 उदाहरण (Aganniy Sangya ke udaharan)
- गैस
- पानी
- दूध
- शहद
- मिट्टी
- आटा
- दही
- लोहा
- सत्य
- दया