गति क्लास 9 का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, परीक्षा में इससे कई प्रश्न पूछें जाते हैं। साथ ही यह अध्याय भौतिकी का एक अति आवश्यक विषय है, आगे की कक्षा में इसके बिना भौतिकी को नहीं समझा जा सकता हैं। इसलिए कक्षा 9 के सभी विद्यार्थियों को यह अध्याय अच्छे से पढ़ना चाहिए। अतः हमने आपके लिए एक बेहतरीन नोट्स तैयार किया है। इस लेख में "Class 9 Science Chapter 8 Motion (गति) Notes PDF in Hindi" देखेंगे और इसका पीडीएफ भी प्राप्त करेंगे।
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Class 9 Science Chapter 8 Motion (गति) Notes PDF in Hindi
Textbook | NCERT |
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Class | 9 |
Subject | Science (Physics) |
Chapter | 8 |
Chapter Name | Motion (गति) |
Notes Medium | Hindi |
कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 8 गति नोट्स Pdf
गति और विराम
गति (Motion) - अगर कोई पिण्ड / वस्तु (Object) समय के साथ अपनी स्थिति (Position) बदलती है, तो हम कहते हैं कि पिण्ड गति की अवस्था (गत्यावस्था) में है।
विराम (Rest) - अगर कोई पिण्ड समय के साथ अपनी स्तिथि परिवर्तित (Change) नहीं करती है, तो हम कहते हैं कि पिण्ड विराम की अवस्था (विरामावस्था) में है।
मौसम परिवर्तन, सूर्योदय यहाँ तक की सूर्यास्त जैसी परिघटनाएं पृथ्वी की गति के कारण ही संभव है।
गति के अस्तित्व (existance) के कुछ साक्ष्य (सबूत) प्रत्यक्ष (Direct) होते हैं तो कुछ अप्रत्यक्ष (Indirect) हैं।
गति और विराम दोनों ही सापेक्ष (Relative) होते हैं अर्थात् कोई पिंड किसी एक व्यक्ति के लिए गति में हो सकती है तो दूसरे व्यक्ति के लिए विराम में।
गति के प्रकार
गतिशील वस्तुओं की गति (Motion) अनेक प्रकार की होती हैं, जिनमें से कुछ निम्न हैं –
- सरल रेखीय गति (Straight Line Motion)
- वृत्तीय गति (Circular Motion)
- घूर्णन गति (Rotational Motion)
- आवर्ती गति (Periodic Motion)
- दोलन / कम्पन्न गति (Oscillatory/Vibrational Motion) etc.
माप और दूरी
मूल बिंदु – किसी वस्तु की स्थिति बताने के लिए हमें एक निर्देश बिंदु की जरुरत पड़ती है, जिसे मूल बिंदु कहते हैं।
परिमाण (Magnitude) – किसी भौतिक राशि के अंकीय मान को उसका परिमाण कहते हैं।
दूरी (Distance) - वस्तु द्वारा तय की गई मार्ग की लम्बाई को दूरी कहते हैं। दूरी को निर्धारित करने के लिए केवल परिमाण (अंकीय मान) की आवश्यकता होती है, न कि गति की दिशा की। दूरी का मात्रक मीटर (m) होता है। दूरी केवल धनात्मक हो सकता है।
पथमापी (Odometer/ Odograph) – वैसा उपकरण (Device) जो किसी वाहन के द्वारा चली गई दूरी को मापती है, पथमापी कहलाता हैं।
विस्थापन (Displacement) – वस्तु की प्रारंभिक (Initial) और अंतिम (Final) स्थिति के बीच की न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते हैं। अर्थात्, वस्तु द्वारा तय की गई मार्ग की न्यूनतम लम्बाई विस्थापन कहलाती है। विस्थापन का मात्रक मीटर (m) होता है। विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक तथा शून्य (0) तीनों हो सकता है।
एकसमान गति (Uniform Motion) – जब कोई वस्तु सामान समयांतराल (Time Interval) में समान दूरी तय करती है तब उस वस्तु की गति को एकसमान गति कहते हैं।
असमान गति (Non-Uniform Motion) – जब कोई वस्तु समान समयांतराल, समान समयांतराल में असमान दूरी तय करती है तब उस वास्तु की गति को असमान गति कहते हैं। जैसे- भीड़ वाली सड़कों पर वाहनों की गति।
चाल – वस्तु द्वारा इकाई / एकांक समय में तय की गई दूरी को चाल कहते हैं। दूसरे शब्दों में, वस्तु द्वारा तय की गई दूरी में परिवर्तन की दर को चाल (Speed) कहते हैं। चाल का SI मात्रक मीटर⁄सेकंड होता है जिसे m/s या ms-1 से भी दर्शाते हैं।
औसत चाल =(तय की गई कुल दूरी)/(कुल समयावधि) => v= s/t [जहाँ v=चाल, s=दूरी तथा t=लिया गया समय है।]
वेग – किसी निश्चित (Fixed) दिशा में वस्तु की चाल को उस वस्तु का वेग कहते हैं। दूसरे शब्दों में, वस्तु के विस्थापन में परिवर्तन की दर को वेग (Velocity) कहते हैं। वेग का SI मात्रक मीटर⁄सेकंड होता है जिसे m/s या ms-1 से भी दर्शाते हैं।
वायु में ध्वनि (Sound) की चाल = 343 m/s तथा वायु में प्रकाश की चाल = 3×10^8 m/s (Approximately)
वस्तु का वेग तीन (3) स्थितियों में परिवर्तित होती हैं –-
- केवल वास्तु की चाल बदलने पर।
- केवल वस्तु के गति की दिशा बदलने पर।
- वस्तु की चाल और गति की दिशा दोनों के बदलने पर।
औसत वेग (Average Velocity) – किसी वस्तु के प्रारंभिक वेग (u) और अंतिम वेग (v) के अंकगणितीय माध्य (Arithmetic Mean) को उस वस्तु का औसत वेग कहते हैं। अर्थात्, यदि वस्तु का वेग समान रूप से बदल रहा हो तो औसत वेग= (प्रारंभिक वेग +अंतिम वेग)/2 OR vav= (u + v)/2
अगर कोई वस्तु सरल रेखीय पथ पर एकसमान गति कर रही है तो वस्तु का वेग नियत (Fixed) रहता है अर्थात् वस्तु के वेग में परिवर्तन शून्य (0) होता है।
त्वरण – इकाई समय में किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की माप को उसका त्वरण (Acceleration) कहते हैं। दूसरे शब्दों में, वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर त्वरण कहलाती है। त्वरण का SI मात्रक मीटर/सेकंड2 होता है जिसे m/s2 तथा ms-2 से भी दर्शाया जा सकता है।
त्वरण = (वेग में परिवर्तन)/(लिया गया समय) OR a= (v -u)/t यदि त्वरण और वेग दोनों एक ही दिशा में हो तो त्वरण को धनात्मक (+) लिया जाता है।
यदि त्वरण और वेग दोनों एक-दूसरे के विपरीत दिशा में हो तो त्वरण को ऋणात्मक (-) लिया जाता है।
एकसमान त्वरण (Uniform Acceleration) – अगर सीधी रेखा में गमन करने वाली किसी वस्तु का वेग समान समयांतराल में समान रूप से घटता या बढता है, तो वस्तु के त्वरण को एकसमान त्वरण (Uniform Acceleration) कहते हैं।
असमान त्वरण (Non-Uniform acceleration) – अगर किसी वस्तु का वेग असमान रूप से बदलती है तो वस्तु के त्वरण को असमान त्वरण (Non-Uniform acceleration) कहते हैं।
वेग-समय ग्राफ और समय अक्ष के बीच घेरा गया क्षेत्रफल (Area) विस्थापन के परिणाम को दर्शाती हैं।
चालमापी (Speedometer) – यह यंत्र वाहन की तात्कालिक (Instantaneous) चाल को बताता है।
एकसमान वृत्तीय गति (Uniform Circular Motion) - जब कोई वस्तु किसी वृत्तीय पथ (Circular Path) पर एकसमान चाल से गति करती है, तो उसकी गति को एकसमान वृत्तीय गति (Uniform Circular Motion) कहा जाता है।
वृत्तीय पथ पर गति करता वस्तु त्वरित गति का एक अच्छा उदाहरण है।
गति के समीकरण (Equations of Motion) –
- v=u+at
- s=u+1/2 at2
- v2-u2=2as