कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) क्या है? इसके प्रकार: प्राथमिक और द्वितीयक मेमोरी - Study Friend

कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) क्या है? इसके प्रकार: प्राथमिक और द्वितीयक मेमोरी

कंप्यूटर मेमोरी का काम है कि वह कंप्यूटर को इनपुट डाटा, निर्देश, और प्रोसेसिंग के परिणाम को स्टोर करके रखे, और जब जरूरत हो तो उन्हें प्रदान करे।

मेमोरी एक अहम् चीज है चाहे वह इंसानों में हो, जानवरों में हो या फिर कंप्यूटर में ही क्यों न। मेमोरी मतलब याददाश्त, मानव मेमोरी और कंप्यूटर मेमोरी में जमीन आसमान का फर्क हैं, लेकिन दोनों का काम लगभग समान हैं। बिना इसके कंप्यूटर को कोई फंक्शन नहीं हो सकता है। बिना मेमोरी कोई इंसान संचालित नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए आप यह पढ़ रहे हैं क्योंकि आपके मेमोरी में इन अक्षरों को पढ़ने की मेमोरी हैं। इसके बिना आप न तो बोल सकते हैं, न पढ़, लिख सकते हैं।

आज के इस ब्लॉग में, हम आपको कंप्यूटर मेमोरी के बारे में बताएंगे। कंप्यूटर मेमोरी क्या है (What is Computer Memory in Hindi), इसके प्रकार कौन-कौन से हैं (Types of Computer Memory), और इसका कंप्यूटर में क्या महत्व है, ये सब आप इस ब्लॉग में जानेंगे।

कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (What is Computer Memory in Hindi)

कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (What is Memory in Computer in Hindi)
कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (What is Memory in Computer in Hindi)

कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory) का काम है कि वह कंप्यूटर को इनपुट डाटा, निर्देश, और प्रोसेसिंग के परिणाम को स्टोर करके रखे, और जब जरूरत हो तो उन्हें प्रदान करे। कंप्यूटर मेमोरी के बिना कंप्यूटर कोई भी कार्य नहीं कर सकता है, क्योंकि उसे कोई भी डाटा या निर्देश नहीं मिलेगा।

कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार (Types of Computer Memory in Hindi)

कंप्यूटर मेमोरी को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है:

  1. प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory)
  2. द्वितीयक मेमोरी (Secondary Memory)
कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार (Types of Computer Memory in Hindi)
कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार (Types of Computer Memory in Hindi)

1. प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory)

प्राथमिक मेमोरी वह है जिसे कंप्यूटर का सी.पी.यू. (Central Processing Unit) सीधे एक्सेस कर सकता है। यह मेमोरी डाटा और निर्देशों को अस्थाई रूप से स्टोर करती है, अर्थात जब तक कंप्यूटर चालू है, तब तक ही यह मेमोरी में डाटा रहता है। कंप्यूटर बंद होने पर या बिजली चली जाने पर इस मेमोरी में स्टोर डाटा मिट जाता है। इसलिए इसे वोलाटाइल (Volatile) या अस्थाई (Temporary) मेमोरी भी कहते हैं।

प्राथमिक मेमोरी की गति बहुत तेज होती है, लेकिन इसकी क्षमता कम होती है। इसका मतलब है कि इसमें डाटा को बहुत जल्दी स्टोर और पुनर्प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन इसमें डाटा को लंबे समय तक नहीं रखा जा सकता है। प्राथमिक मेमोरी के दो प्रमुख प्रकार हैं:

  • रैम (RAM) - Random Access Memory
  • रोम (ROM) - Read Only Memory

#1 रैम (RAM):

रैम वह प्राथमिक मेमोरी है जिसमें डाटा और निर्देशों को अस्थाई रूप से स्टोर किया जाता है। रैम को रैंडम एक्सेस मेमोरी कहते हैं, क्योंकि इसमें किसी भी लोकेशन को बिना किसी क्रम के फॉलो किए सीधे एक्सेस किया जा सकता है। रैम में वह सब डाटा और निर्देश स्टोर होते हैं, जिनका कंप्यूटर को तुरंत प्रोसेसिंग करने की जरूरत होती है। रैम कंप्यूटर की गति और प्रदर्शन को बढ़ाती है। 

चलिए इसके दो प्रकार के बारे में जानते हैं:

  • स्टैटिक रैम (SRAM) - Static Random Access Memory 
  • डायनामिक रैम (DRAM) - Dynamic Random Access Memory

ये दोनों रैम के प्रकार वोलाटाइल होते हैं, लेकिन उनमें कुछ अंतर होते हैं।

स्टैटिक रैम (SRAM

वह रैम है जिसमें डाटा को फ्लिप-फ्लॉप के रूप में स्टोर किया जाता है। इसका मतलब है कि इसमें डाटा को बार-बार रिफ्रेश नहीं करना पड़ता है। इसलिए यह रैम तेज और महंगा होता है। इसका उपयोग कैश मेमोरी या रजिस्टर में किया जाता है। 

डायनामिक रैम (DRAM)

वह रैम है जिसमें डाटा को कैपेसिटर के रूप में स्टोर किया जाता है। इसका मतलब है कि इसमें डाटा को बार-बार रिफ्रेश करना पड़ता है, नहीं तो वह खो जाता है। इसलिए यह रैम सस्ता और धीमा होता है। इसका उपयोग मुख्य मेमोरी या रैम में किया जाता है।

#2. रीड-ऑनली मेमोरी (ROM):

रोम कंप्यूटर की स्थायी मेमोरी है जिसमें बूट इन्फॉर्मेशन और अन्य जरुरी डेटा स्टोर रहता है। यह मेमोरी पर विशेष किए जा सकने वाले डेटा को बदला नहीं जा सकता है और यह बूट प्रोसेस के लिए जरुरी होती है।

2. द्वितीयक मेमोरी (Secondary Memory)

द्वितीयक मेमोरी को वह मेमोरी कहते हैं जो कंप्यूटर के बंद होने के बाद भी डेटा और प्रोग्राम को संग्रहीत करती है। यह मेमोरी गैर-वाष्पशील (non-volatile) होती है, अर्थात यह बिजली के बिना भी डेटा को बनाए रखती है। यह मेमोरी कंप्यूटर के सीपीयू से सीधे जुड़ी नहीं होती है, बल्कि इसे अलग-अलग उपकरणों के रूप में जोड़ा जाता है। इसलिए, इसे बाहरी मेमोरी या सहायक मेमोरी के रूप में भी जाना जाता है।

द्वितीयक मेमोरी का उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए किया जाता है। इसमें विभिन्न प्रकार के उपकरण शामिल हैं, जैसे हार्ड डिस्क, सॉलिड स्टेट ड्राइव, यूएसबी फ्लैश ड्राइव, मेमोरी कार्ड, ऑप्टिकल डिस्क आदि। इन उपकरणों का चयन डेटा की मात्रा, त्वरण, लागत और उपयोगिता के आधार पर किया जाता है। मेमोरी के प्रकार कंप्यूटर के पीढ़ियों पर भी निर्भर करती हैं।

द्वितीयक मेमोरी के प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. हार्ड डिस्क ड्राइव(HDD)
  2. सॉलिड स्टेट ड्राइव(SSD)
  3. यूएसबी फ्लैश ड्राइव
  4. मेमोरी कार्ड
  5. ऑप्टिकल डिस्क

निष्कर्ष

आशा है कि आपको यह ब्लॉग आर्टिकल पसंद आया होगा, और आपको कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory in Hindi) क्या है और इसके प्रकार के बारे में नई जानकारी मिली होगी। अगर आपके पास इस विषय से संबंधित कोई प्रश्न या सुझाव है, तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। हम आपके प्रश्नों का जवाब देने की कोशिश करेंगे। धन्यवाद! 😊

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