व्याकरण और भाषा में समास (Samas) एक महत्वपूर्ण विषय है। यह बातचीत और भाषाशैली में आकर्षण लाता है। इसके अलावे परीक्षा की दृष्टि से समास एक आवश्यक विषय है, इसलिए इसे पढ़ना और समझना जरुर है। आज के इस लेख में हम समास के बारे में विस्तार से जानेंगे, और देखेंगे कि समास किसे कहते हैं (Samas Kise Kahate Hain), समास के भेद (Samas ke bhed) और 100 उदाहरण क्या हैं?
समास किसे कहते हैं (Samas Kise Kahate Hain)
समास (Samas) किसे कहते हैं? |
समास की परिभाषा (Samas ki Paribhasha):
जब दो या दो से अधिक शब्द अपने बीच के विभक्ति को छोड़कर एक नए अर्थ वाले शब्द का निर्माण करते हैं, तो इसी मेल को समास (samas) कहते हैं। जैसे - राजा का मंत्री = राजमंत्री, रस से भरा = रसभरा, लाभ या हानि = लाभ-हानि, आदि।
समास विग्रह (Samas Vigrah): सामासिक शब्दों को जब विभक्ति का प्रयोग करके अलग-अलग किया है, तो इस प्रक्रिया को समास विग्रह कहते हैं। जैसे - राजमंत्री = राजा का मंत्री, लौहपुरुष = लौहे के समान पुरुष।
समास के कितने भेद होते हैं (Samas ke Kitne Bhed Hote Hain)
- तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas)
- कर्मधारय समास (Karmadharaya Samas)
- द्विगु समास (Dvigu Samas)
- द्वंद्व समास (Dwandwa Samas)
- बहुव्रीहि समास (Bahuvrihi Samas)
- अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas)
1. तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas)
- स्वास्थ्यरक्षा - स्वास्थ की रक्षा
- गोबरगणेश - गोबर का गणेश
- ब्राह्मणपुत्र - ब्राह्मण का पुत्र
- राजपुत्र - राजा का पुत्र
- राजमाता - राजा की माता
- राजकन्या - राजा की कन्या
- वीरकन्या - वीर की कन्या
- राजभवन - राजा का भवन
- राजगृह - राजा का गृह
- कनकघर - कनक (सोने) का घर
- श्रमदान - श्रम का दान
2. कर्मधारय समास (Karmadharaya Samas)
- नीलकमल - नीला है जो कमल
- पुरुषोत्तम - पुरुषों में है जो उत्तम
- परमानंद - परम है जो आनंद
- लौहपुरुष - लौहे के समान पुरुष
- लालटोपी - लाल है जो टोपी
- महाविद्यालय - महान है जो विद्यालय
- अधपका - आधा है जो पका
- महाराज - महान है जो राजा
- महावीर - महान है जो वीर
- महापुरुष - महान है जो पुरुष
3. द्विगु समास (Dvigu Samas)
- दोपहर - दो पहरों का समाहार
- शताब्दी - सौ सालों का समूह
- पंचतंत्र - पांच तंत्रों का समाहार
- सप्ताह - सात दिनों का समूह
- छमाही - छह माहों का समाहार
- अष्टधातु - आठ धातुओं का समाहार
- त्रिवेणी - तीन वेणियों का समाहार
- तिमाही - तीन माहों का समाहार
- चौमासा - चार मासों का समाहार
- नवरत्न - नव रत्नों का समाहार
4. द्वंद्व समास (Dwandwa Samas)
- अन्न-जल - अन्न और जल
- कृष्णार्जुन - कृष्ण और अर्जुन
- दिन-रात - दिन और रात
- काला-गोरा - काला और गोरा
- दाल-रोटी - दाल और रोटी
- घटी-बढ़ी - घटी और बढ़ी
- खट्ठा-मीठा - खट्टा और मीठा
- ऋषि-मुनि - ऋषि और मुनि
- शीतोष्ण - शीत और उष्ण
- हृष्ट-पुष्ट - हृष्ट और पुष्ट
- ऊपर-नीचे - ऊपर और नीचे
5. बहुव्रीहि समास (Bahuvrihi Samas)
- चतुर्भुज – चार है भुजाएं जिसकी (विष्णु)
- चक्रधर – चक्र को धारण करने वाला (विष्णु)
- पीतांबर – पीत (पीले) अंबर (वस्त्र) है जिसके (कृष्ण)
- चंद्रशेखर – चंद्र है शेखर (मस्तक) पर जिसके (शिव)
- घनश्याम – घन के समान श्याम है जो (कृष्ण)
- षटकोण – षट (छह) कोण है जिसमें (वह आकृति)
- दशानन – दस आनन (मुख) वाला (रावण)
- गजानन – गज के समान मुख जिसका (गणेश)
- नीलकंठ – नीला है कंठ जिसका (शिव)
- लंबोदर – लंबा है उदर (पेट) जिसका (गणेश)
- चंद्रमुखी – चंद्र के समान मुख् है जिसका (कोई स्त्री)
6. अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas)
- आजन्म - जन्म से लेकर
- अनुजयेष्ठ - ज्येष्ठ के क्रम से
- यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार
- यथासमय - समय के अनुकूल
- प्रतिदिन - दिन-दिन
- अनुरूप - रूप के योग्य
- निर्जन - जनों का अभाव
- भरपेट - पेट भरकर
- निर्भय - बिना भय का
- यथार्थ - अर्थ के अनुसार
- मनमाना - मन के अनुसार
- बेकार - बिना काम का
समास के 100 उदाहरण (Samas ke Udaharan)
सामासिक शब्द | समास विग्रह |
---|---|
चौराहा | चार राहों का समूह |
त्रिकोण | तीन कोणों का समूह |
तिरंगा | तीन रंगों का समूह |
त्रिफला | तीन फलों का समूह |
चारपाई | चार पैरों का समूह |
चतुर्मुख | चार मुखों का समाहार |
नवरत्न | नव रत्नों का समाहार |
स्वास्थ्यरक्षा | स्वास्थ की रक्षा |
गोबरगणेश | गोबर का गणेश |
ब्राह्मणपुत्र | ब्राह्मण का पुत्र |
राजपुत्र | राजा का पुत्र |
राजमाता | राजा की माता |
राजकन्या | राजा की कन्या |
नीलकमल | नीला है जो कमल |
पुरुषोत्तम | पुरुषों में है जो उत्तम |
परमानंद | परम है जो आनंद |
लौहपुरुष | लौहे के समान पुरुष |
लालटोपी | लाल है जो टोपी |
महाविद्यालय | महान है जो विद्यालय |
अधपका | आधा है जो पका |
महाराज | महान है जो राजा |
महावीर | महान है जो वीर |
महापुरुष | महान है जो पुरुष |
वीरकन्या | वीर की कन्या |
राजभवन | राजा का भवन |
राजगृह | राजा का गृह |
कनकघर | कनक (सोने) का घर |
श्रमदान | श्रम का दान |
सतसई | सात सौ दोहों का समाहार |
त्रिभुवन | तीन भुवनों का समाहार |
दोराहा | दो राहों का समाहार |
अठकोना | आठ कोनो का समाहार |
दोपहर | दो पहरों का समाहार |
शताब्दी | सौ सालों का समूह |
पंचतंत्र | पांच तंत्रों का समाहार |
सप्ताह | सात दिनों का समूह |
छमाही | छह माहों का समाहार |
अष्टधातु | आठ धातुओं का समाहार |
त्रिवेणी | तीन वेणियों का समाहार |
तिमाही | तीन माहों का समाहार |
चौमासा | चार मासों का समाहार |
अन्न-जल | अन्न और जल |
कृष्णार्जुन | कृष्ण और अर्जुन |
दिन-रात | दिन और रात |
शीतातप | शीत या आतप |
काला-गोरा | काला और गोरा |
दाल-रोटी | दाल और रोटी |
घटी-बढ़ी | घटी और बढ़ी |
खट्ठा-मीठा | खट्टा और मीठा |
ऋषि-मुनि | ऋषि और मुनि |
शीतोष्ण | शीत और उष्ण |
हृष्ट-पुष्ट | हृष्ट और पुष्ट |
ऊपर-नीचे | ऊपर और नीचे |
चतुर्भुज | चार है भुजाएं जिसकी (विष्णु) |
पंचानन | पांच है आनन जिसके (सिंह) |
षटकोण | षट (छह) कोण है जिसमें (वह आकृति) |
दशानन | दस आनन (मुख) वाला (रावण) |
बारहसिंगा | बारह सींगा है जिसके (मृग विशेष) |
गजानन | गज के समान मुख जिसका (गणेश) |
नीलकंठ | नीला है कंठ जिसका (शिव) |
लंबोदर | लंबा है उदर (पेट) जिसका (गणेश) |
चंद्रमुखी | चंद्र के समान मुख् है जिसका (कोई स्त्री) |
चक्रधर | चक्र को धारण करने वाला (विष्णु) |
पीतांबर | पीत (पीले) अंबर (वस्त्र) है जिसके (कृष्ण) |
चंद्रशेखर | चंद्र है शेखर (मस्तक) पर जिसके (शिव) |
घनश्याम | घन के समान श्याम है जो (कृष्ण) |
अजातशत्रु | नहीं पैदा हुआ जो शत्रु (कोई व्यक्ति) |
महात्मा | महान है आत्मा जिसकी (व्यक्ति विशेष) |
आजन्म | जन्म से लेकर |
यथामति | मति के अनुसार |
प्रतिदिन | दिन-दिन |
यथाशक्ति | शक्ति के अनुसार |
अनजाने | बिना जाने |
घर-घर | प्रत्येक घर |
निस्संदेह | संदेह रहित |
प्रत्यक्ष | आँखों के सामने |
बेखटके | बिना खटके |
यथासमय | समय के अनुसार |
यथारुचि | रूचि के अनुसार |
प्रतिवर्ष | प्रत्येक वर्ष |
प्रतिसप्ताह | प्रत्येक सप्ताह |
यथाक्रम | क्रम के अनुसार |
यथानाम | नाम के अनुसार |
प्रतिपल | पल-पल |
प्रत्येक | हर एक |
आजीवन | जीवन भर |
आमरण | मृत्यु तक |
निडर | बिना डर के |
हरघडी | घडी-घडी |
प्रतिमास | प्रत्येक मास |
हाथों हाथ | एक हाथ से दुसरे हाथ |
सहसा | एक दम से |
अकारण | बिना कारण के |
धड़ाधड़ | जल्दी से |
बेरहम | बिना रहम के |
बकायदा | कायदे के साथ |
बेकाम | बिना काम का |
अध्यात्म | आत्मा से सम्बंधित |
निस्संदेह | बिना संदेह के |
बेशक | बिना शक के |
बेनाम | बिना नाम के |
बेकाम | बिना काम के |
बेलगाम | लगाम के बिना |
भरपेट | पेट भर कर |
भरपूर | पूरा भर के |
रातभर | पूरी रात |
दिनभर | पूरे दिन |
रातोंरात | रात ही रात में |
हाथोंहाथ | एक हाथ से दुसरे हाथ में |
घडी-घडी | हर घडी |
साफ़-साफ़ | बिलकुल स्पष्ट |
आजन्म | जन्म से लेकर |
आकंठ | कंठ तक |
अनुजयेष्ठ | ज्येष्ठ के क्रम से |
यथाशक्ति | शक्ति के अनुसार |
यथासमय | समय के अनुकूल |
प्रतिदिन | दिन-दिन |
अनुरूप | रूप के योग्य |
निर्जन | जनों का अभाव |
निर्मक्षिक | मक्षिक (मक्खी) अभाव |
भरपेट | पेट भरकर |
निर्भय | बिना भय का |
प्रत्यक्ष | अक्षि के प्रति |
निधड़क | बिना धड़क के |
यथार्थ | अर्थ के अनुसार |
मनमाना | मन के अनुसार |
बेकार | बिना काम का |